देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र में मां दुर्गा की नौ देवियां और दस महाविद्या का वर्णन है.
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे click here ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।
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